tag:blogger.com,1999:blog-533480124769927696.post1915813842329280186..comments2023-08-11T01:53:02.702-07:00Comments on पाठकनामा: कवि कैसे कह गया हमारे दिल की बात (एक देश और मरे हुए लोग - विमलेश त्रिपाठी)- वंदना गुप्तापाठकनामा Pathhaknamahttp://www.blogger.com/profile/04084908097337857039noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-533480124769927696.post-83766854016418508502014-06-15T21:42:50.603-07:002014-06-15T21:42:50.603-07:00बहुत संुदर समीक्षा। वंदना जी आप बधाई के पात्र हैं ...बहुत संुदर समीक्षा। वंदना जी आप बधाई के पात्र हैं इतनी सुंदर समीक्षा लिखने के लिये। साथ ही विमलेश त्रिपाठी जी को भी मेरी ओर से हार्दिक बधाई । समीक्षा पढ़कर कविता संग्रह खरीदने के प्रति रूचि पैदा होना समीक्षा की उत्कृष्टता को प्रतिबिंबित करता है। सादर राकेश कुमार - बिलासपुर छ.ग. राकेश कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08397280715413909061noreply@blogger.com