पाठकनामा
- पाठकनामा Pathhaknama
- मित्रों! एक शुभारंभ लिखने-पढने और लिखे-पढे को जांचनेवालों के लिए। हम सब जानते हैं.. लिखा बहुत और बहुत जा रहा है, लेखक-लेखन भी बहुत सरल-सुलभ होता जा रहा हैं लेकिन विडंबना के साथ इसका एक बहुत बड़ा दूसरा पहलू और प्रश्न कि पढा कितना और क्या जा रहा है? पाठकनामा यही जानने और जानकारी देने का प्रयास है जिसमें हम आप सभी के सहयोग और सहभागिता से लेखक और पाठक के बीच एक संवाद स्थापित करने का उपक्रम करने का सद्प्रयास करेंगे। पाठकनामा में लेखक , प्रकाशक अपनी कृति के बारे में तथा आलोचक, पाठक अपनी पढी किसी लेखक की कृति के बारे में अपने विचार, समीक्षा, आलोचना यहां साझा कर सकता है। कृति की समीक्षा, आलोचना, पाठकीय टीप्पणी मय कृति कवर,प्रकाशन विवरण पाठकनामा में भेजी जा सकती है या समीक्षा, आलोचना के लिए लेखक, प्रकाशक अपने प्रकाशन भी दो प्रतियां पाठकनामा को भी भेजी जा सकती है। पाठकनामा केवल एक निरपेक्ष मार्ग है पाठक को किताब तक पहुंचाने और पढने के लिए प्रेरित करने का। इस संदर्भ में और सार्थक महत्त्वपूर्ण सुझाव आमंत्रित है.. अपनी पुस्तक के कवर की फ़ोटो, की गयी आलोचना-समीक्षा आप editor.pathhaknama@gmail.com को भेज सकते हैं ।
Saturday 18 April 2020
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